आईएसआईएस (ISIS)

आईएसआईएस (ISIS), जिसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (Islamic State of Iraq and Syria) या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत (Islamic State of Iraq and Levant) भी कहा जाता है, एक आतंकी संगठन है जो कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा पर आधारित है। इसे आमतौर पर दाइश (Daesh) के नाम से भी जाना जाता है, जो इसका अरबी संक्षिप्त रूप है।


आईएसआईएस (ISIS)


स्थापना और इतिहास

आईएसआईएस की स्थापना 2006 में हुई थी, जब अल-कायदा इन इराक (AQI) और अन्य सुन्नी आतंकवादी समूहों ने मिलकर "मुत्ताहिदीन शूरा काउंसिल" नामक संगठन का गठन किया। 2010 में, अबू बक्र अल-बगदादी ने इस संगठन की कमान संभाली और इसे "इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक" के रूप में पुनर्गठित किया। 2013 में, इसने सीरिया में अपनी गतिविधियों का विस्तार किया और अपना नाम "इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS)" रख लिया। 2014 में, आईएसआईएस ने खुद को खलीफा घोषित किया और दुनिया भर के मुसलमानों से समर्थन की अपील की।


विचारधारा और लक्ष्य

आईएसआईएस एक चरमपंथी सुन्नी इस्लामी संगठन है जिसका उद्देश्य एक वैश्विक खलीफा स्थापित करना है। इसकी विचारधारा वहाबी और सलाफी इस्लाम पर आधारित है। यह संगठन शरीयत (इस्लामी कानून) के कड़े और हिंसक लागूकरण में विश्वास रखता है। आईएसआईएस अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसा, आतंकवाद, नरसंहार, और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का सहारा लेता है।


प्रमुख गतिविधियाँ

आईएसआईएस ने इराक और सीरिया में कई प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया और वहां अपने कठोर शासन को लागू किया। इसने अपने नियंत्रित क्षेत्रों में कड़े इस्लामी कानून लागू किए और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ अनेक आतंकवादी हमले किए। 2014 और 2015 में, इसने पेरिस, ब्रसेल्स, और अन्य पश्चिमी शहरों में घातक हमले किए। आईएसआईएस की गतिविधियों में सामूहिक हत्या, यौन दासता, अपहरण, और सांस्कृतिक धरोहरों का विनाश शामिल हैं।


पतन

2017 से 2019 के बीच, आईएसआईएस ने अपने अधिकांश क्षेत्रीय कब्जे खो दिए। इराक और सीरिया में आईएसआईएस के खिलाफ कई अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों ने इसे कमजोर कर दिया। 2019 में, बगदादी की मौत के बाद संगठन की शक्ति और भी कमजोर हो गई। हालांकि, यह संगठन अभी भी छोटे पैमाने पर सक्रिय है और विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।


वैश्विक प्रतिक्रिया

आईएसआईएस के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ईरान, और कई यूरोपीय और मध्य पूर्वी देशों ने सैन्य और खुफिया अभियानों का नेतृत्व किया। इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र और अधिकांश देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी गई है।