Dengue in Pregnant womens: अगस्त के महीने में ही डेंगू के मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. अस्पतालों में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को गर्भवती महिलाओं को डेंगू से ज्यादा खतरा हो सकता है. ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है.
देश के कई इलाकों में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. हर दिन नए मामलों की संख्या बढ़ रही है. अस्पतालों में भी मरीज भर्ती होने लगे हैं. इस बुखार से बच्चों से लेकर बड़े तक संक्रमित हो रहे हैं. कमजोर इम्यूनिटी वालों पर गंभीर असर हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को भी डेंगू से बचाव करना जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बीमारी का वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसके होने वाले बच्चे में भी फैल सकता है. इससे बच्चे को कई तरह की बीमारियां होने का रिस्क रहता है. ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को डेंगू से खुद का बचाव करना चाहिए. इसके लिए सभी सावधानी बरतने की जरूरत है.
डॉक्टरों के मुताबिक, डेंगू फैलाने वाला डीईएनवी वायरस गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे में भी ट्रांसफर हो सकता है. ये वायरस बच्चे में प्री-टर्म बर्थ ( समय से पहले जन्म) और दूसरे कई विकारों का कारण बन सकता है. जिन गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होती है उनको डेंगू होने का रिस्क ज्यादा रहता है. अगर पहले कभी ये बुखार हुआ है तो खतरा और भी बढ़ जाता है.
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू का डी-2 स्ट्रेन संक्रमित कर देता है तो मां और होने वाले बच्चे दोनों को काफी परेशानी हो सकती है. कुछ मामलों में तो यूट्रस में ही बच्चे की मौत तक हो सकती है. अगर प्रेग्नेंसी के पहले महीने में डेंगू हो जाता है तो मिसकैरेज का भी रिस्क होता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को डेंगू को लेकर सतर्क रहना चाहिए.
बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एसोसिएट हॉस्पिटल में डायरेक्टर डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं कि इस समय डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है. लगातार हो रही बारिश और जलजमाव के कारण ये बीमारी अपना दायरा बढ़ा रही है. अस्पतालों में डेंगू की जांच कराने वालों का भी आंकड़ा बढ़ रहा है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव बहुत जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये बीमारी कुछ मामलों में जानलेवा हो सकती है.
बच्चे में डेंगू ट्रांसमिशन का खतरा
डॉ सुभाष कहते हैं कि सभी मामलों में नहीं, लेकिन कुछ गर्भवती महिलाओं से उनके बच्चे में भी डेंगू का ट्रांसमिशन हो सकता है. अगर समय पर ये बीमारी काबू में आ जाती है तो रिस्क कम रहता है, लेकिन गंभीर लक्षणों में सेहत पर असर हो सकता है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव भी होते हैं. जिससे भी इम्यूनिटी पर प्रभाव पड़ता है. अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो डेंगू होने का रिस्क रहता है. ऐसे में जरूरी है कि समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज करा लें.
प्रेग्नेंसी में क्या हैं डेंगू के लक्षण
- बुखार
- सिर में तेज दर्द
- शरीर पर दाने निकलना
- आंखों के पीछे दर्द
गर्भवती महिलाएं ऐसे रखें अपना ध्यान
- खानपान का ध्यान रखें
- शरीर को हाइड्रेट रखें
- पूरी बाजू के कपड़े पहने
- घर के आसपास सफाई रखें
- रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
- घर में कही भी पानी जमा न होने दें

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