सारांश: बिहार के जहानाबाद जिले में मखदुमपुर के वाणावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में सावन की चौथी सोमवारी पर भगदड़ मचने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस हादसे ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया, जबकि घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।


जहानाबाद: सावन की चौथी सोमवारी में सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़, 7 लोगों की मौत


बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर के वाणावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में सावन की चौथी सोमवारी पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा था। रविवार, 11 अगस्त की रात को इस पवित्र स्थल पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 7 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने न केवल श्रद्धालुओं को बल्कि पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।


रात के समय जब श्रद्धालुओं की भीड़ अपने चरम पर थी, तब इस अप्रत्याशित घटना ने सभी को हिला कर रख दिया। मंदिर के बाहर जमा सैकड़ों की भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई। लोग बेकाबू हो गए और एक-दूसरे पर गिरने लगे। भगदड़ की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए गए और घायलों को जहानाबाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।


प्रशासन की लापरवाही या हादसा?


इस घटना के बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। सब-डिविजनल ऑफिसर (SDO) विकास कुमार ने बताया कि सावन की चौथी सोमवारी होने के कारण भीड़ बहुत ज्यादा थी। प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम भी किए थे, जिसमें सिविल, मजिस्ट्रेट और मेडिकल टीम को तैनात किया गया था। लेकिन हादसा कैसे हुआ, यह अभी जांच का विषय है। फिलहाल घायलों का इलाज जारी है, और जल्द ही घटना के बारे में आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।


चश्मदीदों का आरोप: लाठीचार्ज से मची भगदड़


इस भगदड़ के पीछे की कहानी चश्मदीदों के बयान से और भी उलझी हुई नजर आ रही है। कुछ चश्मदीदों का दावा है कि पहाड़ी पर पुलिस और लोगों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे लोग डरकर पीछे की ओर भागने लगे और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोग गिर गए और दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई।


चश्मदीदों का यह भी आरोप है कि घटनास्थल पर एनसीसी के जवान तो तैनात थे, लेकिन बिहार पुलिस की उपस्थिति नहीं थी। इससे प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है।


प्रशासन की पोल खोली घटना ने


इस घटना से पहले, 11 अगस्त को जहानाबाद पुलिस ने एक पोस्ट किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि श्रावणी मेला के अवसर पर बराबर थानान्तर्गत बराबर पहाड़ के विभिन्न जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और लोग मुस्तैदी से तैनात हैं। लेकिन बीती रात हुए इस हादसे ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी।


इस हादसे ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने में असफल प्रशासन की लापरवाही की वजह से कई मासूम जानें चली गईं। यह घटना न केवल प्रशासन की विफलता को उजागर करती है, बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए ठोस उपायों की जरूरत को भी रेखांकित करती है।

Post a Comment

और नया पुराने