सारांश : अफगानिस्तान में 5.7 तीव्रता का भूकंप आने से दिल्ली-एनसीआर तक धरती हिल गई। इस भूकंप का केंद्र 255 किमी गहराई में था और इसका असर दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद में भी महसूस किया गया। अफगानिस्तान का भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यहां अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान-माल का नुकसान होता है।

Afghanistan में 5.7 तीव्रता का भूकंप, Delhi-NCR तक महसूस हुए झटके


अफगानिस्तान में आया भूकंप, दिल्ली-एनसीआर तक महसूस हुए झटके: अफगानिस्तान में एक बार फिर जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई है। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसका असर सैकड़ों किलोमीटर दूर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में 255 किमी की गहराई में था, और यह घटना सुबह 11 बजकर 26 मिनट पर दर्ज की गई। काबुल के निकट इस भूकंप के आते ही लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। अब तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन इस घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है।


दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का प्रभाव: अफगानिस्तान में आने वाले भूकंप का प्रभाव अक्सर दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचता है। इस बार भी जैसे ही अफगानिस्तान में भूकंप आया, दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद में लोग तुरंत अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलने लगे। हालाँकि, किसी तरह की हानि की खबर नहीं है, लेकिन लोग अब भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। भूकंप के दौरान ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।


अफगानिस्तान का भूकंप-संवेदनशील इतिहास: यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान में इस तरह के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दो हफ्ते पहले भी यहां 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन उसमें किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई थी। अफगानिस्तान एक भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र है, और यहां इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। ताइवान में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जो बताता है कि यह क्षेत्र भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है।


2023 का विनाशकारी भूकंप: साल 2023 में अफगानिस्तान में एक और भयानक भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 6.3 मापी गई थी। इस विनाशकारी भूकंप ने करीब 4 हजार लोगों की जान ले ली थी, जबकि 9 हजार से अधिक लोग घायल हो गए थे। 13 हजार से अधिक घर नष्ट हो गए थे, जिससे कई परिवार बेघर हो गए थे। यह घटना अफगानिस्तान के इतिहास में सबसे बड़े भूकंपों में से एक मानी जाती है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।


भूकंप क्यों आता है? भूकंप का मुख्य कारण पृथ्वी की अंदरूनी प्लेटों का टकराना होता है। पृथ्वी के अंदर सात मुख्य प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, तो उस स्थान को फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ने लगते हैं और उनमें दबाव बढ़ता जाता है। जब यह दबाव अधिक हो जाता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और इस ऊर्जा के निकलने से धरती हिलने लगती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं।


भूकंप के दौरान सुरक्षा के उपाय: भूकंप के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं। अगर आप घर के बाहर हैं, तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें। अगर आप गाड़ी में हैं, तो तुरंत गाड़ी को रोक दें और अंदर ही बैठे रहें। भूकंप के बाद टूटे हुए पुलों और सड़कों पर जाने से बचें, क्योंकि ये गिर सकते हैं और हानि पहुँचा सकते हैं। इन सावधानियों का पालन करने से आप खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं।


अफगानिस्तान का भविष्य और संभावित खतरे: अफगानिस्तान एक भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र है और यहां भविष्य में भी भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। इस स्थिति में सरकार और आम जनता दोनों को ही सतर्क रहना होगा। भूकंप के दौरान उठाए गए कदम ही नुकसान को कम कर सकते हैं। लोगों को भी जागरूक होना चाहिए और भूकंप के दौरान आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।

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