सारांश: टेलीग्राम, जो भारत में वॉट्सऐप के बाद सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप है, हाल ही में विवादों में घिरा है। पेपर लीक, स्टॉक मार्केट में हेरफेर, धोखाधड़ी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर आरोपों के चलते इसे बैन करने की मांग उठ रही है। सरकार ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, लेकिन जांच एजेंसियां इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
भारत में डिजिटल युग ने संचार के साधनों को बेहद आसान और त्वरित बना दिया है। वॉट्सऐप और अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ, टेलीग्राम भी लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ है। हालांकि, हाल के दिनों में इस प्लेटफॉर्म का उपयोग केवल संचार के लिए नहीं बल्कि कई अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। टेलीग्राम पर पेपर लीक से लेकर स्टॉक मार्केट में हेरफेर और यहां तक कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसी गंभीर समस्याओं से जुड़ी गतिविधियों का आरोप लगा है।
टेलीग्राम की बढ़ती लोकप्रियता ने इसे आपराधिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है। इसके माध्यम से न केवल देश के युवाओं के भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है, बल्कि इसका उपयोग आर्थिक अपराधों में भी किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, 24 जुलाई को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने टेलीग्राम के जरिए स्टॉक मार्केट में गड़बड़ी करने का मामला उजागर किया। इसमें एक टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन पर स्टील शीट बनाने वाली कंपनी के शेयर की कीमतों को हेरफेर करने का आरोप है, जिसके बदले उसने 20 लाख रुपये की रिश्वत ली थी।
इससे भी अधिक गंभीर मामला भोपाल का है, जहां 3 मई को दो व्यक्तियों ने टेलीग्राम का उपयोग कर खुद को पुलिस अधिकारी बताया और एक स्थानीय डॉक्टर से 38 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया कि टेलीग्राम को आपराधिक तत्व अपने अवैध कार्यों के लिए किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में भी टेलीग्राम की वजह से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। 19 जून 2023 को UGC-NET की परीक्षा को रद्द कर दिया गया, क्योंकि परीक्षा के प्रश्न-पत्र टेलीग्राम पर लीक हो गए थे। यह पहली बार नहीं था जब इस तरह की घटना हुई हो। इसी तरह, NEET-UG के आवेदकों को भी परीक्षा से पहले ही प्रश्न-पत्र मिल गए थे, जिससे भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक विवादों में आ गई।
यह समस्या केवल भारत तक सीमित नहीं है। टेलीग्राम के सीईओ पावेल ड्यूरोव को 24 अगस्त को फ्रांस में हिरासत में लिया गया, जब उन पर प्लेटफॉर्म पर बाल यौन शोषण सामग्री को रोकने में विफल रहने के आरोप लगे। इस मामले ने भारत में भी टेलीग्राम पर कड़ी निगरानी की मांग को तेज कर दिया है।
पेरिस के अभियोजक ने 26 अगस्त को ड्यूरोव के खिलाफ जांच की घोषणा की, जिसमें अवैध लेन-देन, बाल अश्लीलता, धोखाधड़ी, और अधिकारियों को जानकारी न देने के आरोप शामिल हैं। हालांकि, टेलीग्राम ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म या उसके मालिक को दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार ठहराना अनुचित है।
भारत में, सरकार ने अभी तक टेलीग्राम के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया है, लेकिन टेलीग्राम के खिलाफ कार्रवाई की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियां टेलीग्राम पर नजर रख रही हैं और इसके जरिए होने वाली अवैध गतिविधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टेलीग्राम के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो इसका उपयोग और भी अधिक अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है। सरकार को इस पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए और टेलीग्राम की गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करना चाहिए। इसके साथ ही, यह भी जरूरी है कि उपयोगकर्ताओं को जागरूक किया जाए कि वे टेलीग्राम का सुरक्षित और सही ढंग से उपयोग करें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत करें।
टेलीग्राम की लोकप्रियता के बावजूद, इसके खिलाफ उठ रहे सवाल और आरोप इसे बदनाम कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस पर किस तरह की कार्रवाई करती हैं और क्या टेलीग्राम को लेकर उठ रही चिंताओं का समाधान हो पाता है या नहीं।
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