सारांश : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर समाप्त हो चुका है और अब भारत हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम का उसी की भाषा में जवाब देगा। उन्होंने यह भी बताया कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध बनाए रखना हमेशा से एक चुनौती रहा है।

Pakistan के साथ बातचीत का दौर खत्म: अब हर कदम का उसी की भाषा में जवाब मिलेगा - S. Jaishankar


पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर समाप्त: जयशंकर का स्पष्ट संदेश


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक अहम बयान दिया है जो भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर अब समाप्त हो चुका है और भविष्य में पाकिस्तान के हर कदम का उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। जयशंकर का यह बयान दिल्ली में एक किताब के विमोचन के अवसर पर आया, जहां उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को लेकर अपनी राय जाहिर की।


जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बिगड़ते संबंधों के लिए 2019 के बाद की इमरान खान सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने कोई उकसाने वाला कदम नहीं उठाया, बल्कि पाकिस्तान के कार्यों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित किया। यह बयान उस समय आया है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था।


पड़ोसियों के साथ संबंधों की जटिलता: जयशंकर का विश्लेषण


जयशंकर ने अपने बयान में पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बनाए रखने की जटिलता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी हमेशा से समस्या बने रहते हैं और यह एक वैश्विक सच्चाई है। दुनिया के किसी भी देश को देखें, तो पाएंगे कि पड़ोसियों के साथ संबंध बनाए रखना सबसे कठिन कार्य होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसियों के साथ संबंध कभी स्थिर नहीं रहते, क्योंकि राजनीतिक परिस्थितियाँ और आंतरिक मुद्दे समय-समय पर बदलते रहते हैं।


जयशंकर ने बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध उसकी स्थापना के समय से ही उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। इसके पीछे राजनीतिक बदलाव और आपसी हितों का ध्यान रखना प्रमुख कारण रहे हैं। जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश में हो रहे राजनीतिक परिवर्तन का प्रभाव भारत-बांग्लादेश संबंधों पर पड़ा है और यह एक सामान्य प्रक्रिया है।


पाकिस्तान के साथ आगे का रास्ता: दृढ़ता और सावधानी


जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 को हटाया जा चुका है और अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान के साथ किस तरह के संबंध बनाए जा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम का उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। यह संदेश स्पष्ट है कि भारत अब किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगा और पाकिस्तान के हर कदम का सटीक और सशक्त जवाब दिया जाएगा।


जयशंकर का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में किसी भी तरह की अनिश्चितता नहीं चाहता। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर अब समाप्त हो चुका है और अब हर कदम का जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा। यह एक संकेत है कि भारत अपनी सुरक्षा और स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करेगा और पाकिस्तान के हर कदम पर निगरानी रखेगा।


भारत-पाकिस्तान संबंधों का भविष्य: सावधानी और कूटनीति


जयशंकर के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर किसी भी तरह की अनिश्चितता में नहीं रहना चाहता। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पाकिस्तान के हर कदम का जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा।


यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव है और दोनों देशों के बीच संवाद का रास्ता बंद हो चुका है। जयशंकर का यह संदेश पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि अब भारत किसी भी तरह की ढिलाई या नरमी नहीं बरतेगा और पाकिस्तान के हर कदम का जवाब सख्ती से देगा।


निष्कर्ष : एक सख्त रुख


विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से यह साफ है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर किसी भी प्रकार की अनिश्चितता में नहीं रहना चाहता। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पाकिस्तान के हर कदम का जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा। यह एक सख्त संदेश है जो भारत की नई विदेश नीति को दर्शाता है, जिसमें सुरक्षा और स्वाभिमान से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।


भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि अब वह पाकिस्तान के हर कदम पर कड़ी नजर रखेगा और उसी के अनुरूप प्रतिक्रिया देगा। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, जब उसे अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को सावधानी और सख्ती के साथ संभालना होगा, और जयशंकर के इस बयान से यह स्पष्ट है कि भारत इस दिशा में पूरी तरह से सजग और तैयार है।

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