सारांश : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों से पहले एक रैली में पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावना पर स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक घाटी में शांति स्थापित नहीं होती, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी। उन्होंने कश्मीर में पहली बार भारतीय संविधान के तहत चुनाव होने पर जोर दिया और अनुच्छेद 370 की पुनर्स्थापना के प्रयासों का कड़ा विरोध किया।

Jammu Kashmir Elections 2024 : शांति से पहले Pakistan से कोई बातचीत नहीं- Amit Shah


जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 7 सितंबर 2024 को एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ बातचीत की किसी भी संभावना को तब तक खारिज किया, जब तक घाटी में शांति और स्थिरता स्थापित नहीं हो जाती। यह बयान जम्मू-कश्मीर में विजय संकल्प बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान दिया गया, जहां उन्होंने चुनावी प्रक्रिया, कश्मीर की सुरक्षा स्थिति, और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर अपने विचार स्पष्ट किए।


शांति के बिना पाकिस्तान से कोई संवाद नहीं

अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं होता, तब तक पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत संभव नहीं होगी। उन्होंने कहा कि घाटी में शांति बनाए रखना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आतंकवाद के समर्थन में काम करने वाले तत्वों के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता करना देश की सुरक्षा से समझौता होगा। शाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि आतंकवाद और संवाद एक साथ नहीं चल सकते। यह संदेश पाकिस्तान के प्रति भारत की सख्त नीति का प्रमाण है, जो शांति और स्थिरता पर केंद्रित है।


भारतीय संविधान के तहत पहली बार विधानसभा चुनाव

अमित शाह ने अपने भाषण में इस बात पर भी जोर दिया कि यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के तहत विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर में यह चुनाव एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिससे अब इस क्षेत्र को भारत के अन्य हिस्सों की तरह अधिकार और विकास के अवसर मिलेंगे। शाह ने कहा कि पहले की तरह अब कोई ताकत जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता की दिशा में नहीं ले जा सकती। उन्होंने कहा कि चुनाव की यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष हो रही है, और लोगों की भागीदारी पहले से कहीं अधिक है।


बूथ कार्यकर्ताओं की ताकत

केंद्रीय गृह मंत्री ने बूथ स्तर पर काम करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं की सराहना की और कहा कि भाजपा की असली ताकत उनके कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि बूथ कार्यकर्ता ही चुनावी जीत का आधार होते हैं, और उनकी मेहनत और समर्पण ही पार्टी की सफलता की कुंजी है। शाह ने अपने कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में पूरी ऊर्जा के साथ जुटने का आह्वान किया, जिससे भाजपा की जीत सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि बूथ कार्यकर्ताओं के जोरदार प्रयासों से विपक्ष के पसीने छूट जाते हैं और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ता है।


अनुच्छेद 370 पर उमर अब्दुल्ला की सोच

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली की बात कही थी। उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा कि अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति नेशनल कॉन्फ्रेंस की विचारधारा का हिस्सा हैं और वे इसे वापस लाने के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह मौजूदा विधानसभा में संभव नहीं होगा, लेकिन भविष्य में इसके लिए राजनीतिक बदलाव की जरूरत होगी।


शाह का कड़ा विरोध

अमित शाह ने उमर अब्दुल्ला की इस योजना का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि अब कोई ताकत अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने जम्मू-कश्मीर में विकास और स्थिरता की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं और इस क्षेत्र को अब देश के अन्य हिस्सों के समान अधिकार मिल रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुच्छेद 370 का हटना एक ऐतिहासिक फैसला था, जिसे वापस लेना संभव नहीं है। भाजपा का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को प्रगति और विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है, न कि उसे पुराने विवादों में उलझाना।


विकास की दिशा में नए कदम

गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में विकास की एक नई लहर चल रही है, और यह विधानसभा चुनाव उस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर रोजगार के अवसरों तक कई नई योजनाओं की शुरुआत की है, जो लोगों की जीवनशैली में सुधार लाएगी।


सुरक्षा और स्थिरता पर ध्यान

अमित शाह ने सुरक्षा के मुद्दे पर भी जोर दिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं और इन नीतियों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। शाह ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास और सुरक्षा एक साथ चलने चाहिए, और यही सरकार की प्राथमिकता है।


भाजपा का विजन

अमित शाह ने कहा कि भाजपा का विजन जम्मू-कश्मीर को एक सुरक्षित, स्थिर और विकासशील क्षेत्र बनाना है। उन्होंने कहा कि पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक बेहतर भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में भाजपा की सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पूरी ताकत से चुनाव प्रचार करें और जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बनाकर विकास और शांति की नई दिशा तय करें।


निष्कर्ष

अमित शाह का यह बयान जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक मजबूत संदेश है। उन्होंने साफ कर दिया कि पाकिस्तान से कोई संवाद तब तक नहीं होगा, जब तक घाटी में शांति नहीं होती। साथ ही, उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को खारिज करते हुए जम्मू-कश्मीर को विकास और स्थिरता की दिशा में आगे ले जाने की भाजपा की प्रतिबद्धता को दोहराया। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के भविष्य को नए सिरे से संवारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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