सारांश :चक्रवात ‘फेंगल’ तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में भारी बारिश, तेज हवाओं और संभावित बाढ़ का कारण बन सकता है। प्रशासन ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और राहत कार्यों की तैयारी की। सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने और आईटी कंपनियों से वर्क फ्रॉम होम की सिफारिश की है। नौसेना और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं।


चक्रवात 'फेंगल' का कहर: तमिलनाडु और पुडुचेरी में अलर्ट, स्कूल-कॉलेज बंद


तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में चक्रवात ‘फेंगल’ का खतरा गहराता जा रहा है। शनिवार को चक्रवात के पुडुचेरी तट से टकराने की संभावना है। इससे पहले, भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। चेन्नई एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है, और कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है।


जिलाधिकारी ए. कुलोथुंगन ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह तैयार है। निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया है। इन केंद्रों पर भोजन और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्यों के लिए सक्रिय हो चुकी हैं।


तेज हवाओं का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के दौरान हवाओं की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। चेन्नई मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. एस. बालचंद्रन ने बताया कि उत्तरी तमिलनाडु और तटीय क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश होगी। कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना भी है।


नौसेना की तैयारियां

पूर्वी नौसेना कमान ने राज्य प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों के लिए व्यापक योजना बनाई है। राहत सामग्री से भरे वाहन और विशेष बाढ़ राहत दल तैयार किए गए हैं। गोताखोरी टीमें भी हाई अलर्ट पर हैं। आवश्यकता पड़ने पर ये टीमें बचाव मिशन में जुट जाएंगी।


सरकार की पहल

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए आपात बैठकें की हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने जनता से अपील की है कि वे घरों से बाहर निकलने से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।


शैक्षणिक संस्थान बंद

सरकार ने 30 नवंबर को राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया है। आईटी कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने का निर्देश दिया गया है, ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।


राहत कार्यों की रणनीति

प्रशासन ने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राहत शिविरों में भोजन, पीने के पानी और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति और अन्य सेवाओं को बहाल करने के लिए टीमें तैनात की गई हैं।


चक्रवात का असर

शुक्रवार रात से ही तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है। कई क्षेत्रों में जलभराव के कारण यातायात बाधित है। प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है।


स्थानीय निवासियों की तैयारी

12 लाख निवासियों को एसएमएस के जरिए सतर्क रहने का अलर्ट भेजा गया है। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।


पर्यावरणीय प्रभाव

चक्रवात ‘फेंगल’ के कारण समुद्री जलस्तर बढ़ने और बाढ़ आने की संभावना है। पर्यावरणविदों का मानना है कि तटीय इलाकों में लंबे समय तक ऐसी आपदाओं का प्रभाव पड़ सकता है।


जनता से अपील

प्रशासन और विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने और राहत टीमों का सहयोग करने की अपील की गई है।

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