सारांश : महाराष्ट्र में नई सरकार गठन को लेकर सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) ने उपमुख्यमंत्री पद और गृह, उद्योग, शहरी विकास समेत 9 महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग की है। वहीं, बीजेपी ने 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा कर दी है, जिसमें पीएम मोदी की उपस्थिति संभावित है।

Maharashtra में Shiv Sena की मेगा Ministry की मांग : Home, Industry और शहरी विकास विभाग पर नजर


शिवसेना की मांग : गृह और शहरी विकास मंत्रालय पर जोर

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (शिंदे गुट) ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए उपमुख्यमंत्री पद और 9 प्रमुख मंत्रालयों की मांग रखी है। इन मंत्रालयों में गृह और शहरी विकास जैसे बड़े विभाग शामिल हैं, जो पिछली सरकार में भी शिवसेना के पास थे।

सूत्रों के अनुसार, शिवसेना अपनी आगे की रणनीति मुख्यमंत्री पद पर फैसले के बाद ही तय करेगी। यह तय नहीं है कि शिवसेना बीजेपी के प्रस्तावों को स्वीकार करेगी या अपनी मांगों पर अड़ी रहेगी।


दिल्ली बैठक के बाद की हलचल

हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। हालांकि, इस बैठक में मुख्यमंत्री पद पर किसी नाम की घोषणा नहीं की गई। केवल यह संकेत दिया गया कि मुख्यमंत्री पद बीजेपी के पास रहेगा।

बैठक के बाद शिंदे अपने पैतृक गांव सतारा चले गए। अब यह देखना होगा कि शिंदे अपनी आगामी रणनीति को कैसे आगे बढ़ाते हैं।


बीजेपी का आत्मविश्वास और योजना

बीजेपी ने महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख 5 दिसंबर तय कर दी है। यह समारोह मुंबई के आजाद मैदान में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है।

बीजेपी अपने 132 विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ आत्मविश्वास से भरी हुई है। एनसीपी (अजित पवार गुट) के 41 विधायकों का समर्थन मिलने से बीजेपी का आंकड़ा 178 तक पहुंच गया है, जो बहुमत के लिए पर्याप्त है।


शपथ ग्रहण समारोह: शिवसेना के लिए संदेश

बीजेपी ने शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा कर शिवसेना (शिंदे गुट) को संकेत दिया है कि उन्हें अपने फैसले जल्द लेने होंगे। यह शिवसेना के लिए एक कड़ा संदेश है कि अगर वह बीजेपी के साथ नहीं आती, तो उसके लिए राजनीतिक परिस्थितियां मुश्किल हो सकती हैं।

महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि शपथ ग्रहण समारोह आजाद मैदान में होगा। यह इशारा करता है कि बीजेपी ने अपनी सरकार बनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं।


महायुति के भीतर की चुनौतियां

महायुति (बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन) के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर खींचतान जारी है। शिवसेना जहां अपनी मांगों को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है, वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना अपनी मांगों पर अड़ी रहती है या बीजेपी के साथ समझौता करती है। वहीं, एनसीपी का समर्थन बीजेपी के लिए सत्ता का समीकरण मजबूत कर रहा है।


शिवसेना की रणनीति और भविष्य की राह

शिवसेना अपनी रणनीति को लेकर फिलहाल धैर्य बनाए हुए है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद के नाम की घोषणा के बाद ही अपने अगले कदम का फैसला करेगी।

यदि शिवसेना की मांगें पूरी नहीं होतीं, तो यह संभावना भी बन सकती है कि पार्टी विपक्ष में जाने का विकल्प चुने। हालांकि, बीजेपी के साथ गठबंधन में रहना शिवसेना के लिए अधिक व्यावहारिक कदम हो सकता है।


निष्कर्ष

महाराष्ट्र की राजनीति में नई सरकार के गठन को लेकर जारी खींचतान ने एक दिलचस्प मोड़ ले लिया है। शिवसेना और बीजेपी दोनों ही अपनी-अपनी शर्तों पर अड़ी हुई हैं।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह तय होगा कि महाराष्ट्र की नई सरकार किस स्वरूप में काम करेगी। शिवसेना की मांगें पूरी होंगी या बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाएगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।

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