सारांश : जय शाह को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। 27 अगस्त को उन्होंने यह पद निर्विरोध जीता। अपने कार्यकाल के दौरान, शाह ने टेस्ट क्रिकेट को खेल का मूल आधार बनाए रखने और क्रिकेट की प्रगति में आने वाली बाधाओं को दूर करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, वह प्रतिभाओं की खोज के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

Jay Shah बने ICC के सबसे युवा Chairman : Test Cricket को मजबूत बनाने का संकल्प

जय शाह, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव के रूप में अपनी सफल भूमिका निभा रहे हैं, को अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के चेयरमैन के पद पर निर्विरोध चुना गया है। शाह 35 वर्ष की आयु में यह जिम्मेदारी संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति बन गए हैं। वह 1 दिसंबर से इस पद को ग्रहण करेंगे, जब वह 62 वर्षीय ग्रेग बार्कले से पदभार लेंगे। न्यूजीलैंड के बार्कले ने तीसरी बार लगातार चेयरमैन बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।


जय शाह ने चेयरमैन बनने के बाद एक बयान में कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट को खेल का आधार बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, "टी20 प्रारूप निश्चित रूप से रोमांचक है, लेकिन यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि टेस्ट क्रिकेट सभी के लिए प्राथमिकता बनी रहे। यह क्रिकेट का मूल आधार है, और हमारा प्रयास इसे और भी सशक्त बनाने का होगा।" शाह ने क्रिकेटरों को लंबे प्रारूप की ओर आकर्षित करने के लिए विशेष योजनाओं की भी घोषणा की है, जिसमें प्रतिभाओं की खोज के लिए एक अलग कार्यक्रम भी शामिल है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, नए और उभरते हुए खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बनाने का मौका मिलेगा।


शाह का यह भी कहना है कि वह अपने कार्यकाल के दौरान क्रिकेट की प्रगति में बाधा डालने वाली सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं आईसीसी के सदस्य बोर्डों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया है। मैं इस प्रतिष्ठित भूमिका में दुनिया भर में हमारे खेल के मानकों को और ऊंचा उठाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।"


आईसीसी का चेयरमैन बनने के बाद, जय शाह की पहली प्राथमिकता टेस्ट क्रिकेट को मजबूत करना है। उन्होंने टी20 और अन्य छोटे प्रारूपों के महत्व को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि टेस्ट क्रिकेट खेल का आधार है और इसे सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। शाह ने क्रिकेट की संरचना और मानकों को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।


शाह के नेतृत्व में, आईसीसी के सामने कई चुनौतियाँ और अवसर हैं। वैश्विक क्रिकेट परिदृश्य में लगातार बदलाव हो रहे हैं, और शाह का लक्ष्य है कि वह इन परिवर्तनों के बीच टेस्ट क्रिकेट को प्रासंगिक और महत्वपूर्ण बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान उन बाधाओं को दूर करने का प्रयास करेंगे जो क्रिकेट की प्रगति में रुकावट डाल रही हैं। शाह ने आईसीसी के सदस्य बोर्डों के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी काम करने का इरादा जताया है, ताकि सभी सदस्य देशों के क्रिकेट मानकों को ऊपर उठाया जा सके।


शाह का यह कदम वैश्विक क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि वह अपने युवा नेतृत्व और नए विचारों के साथ आईसीसी को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास करेंगे। उनकी योजनाएं और संकल्प न केवल टेस्ट क्रिकेट को सशक्त बनाएंगे बल्कि समग्र रूप से खेल की उन्नति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों की नजर अब जय शाह के नेतृत्व पर है, कि वह कैसे अपनी योजनाओं को हकीकत में बदलते हैं और क्रिकेट के भविष्य को एक नई दिशा प्रदान करते हैं।

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