सारांश: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। वे लंबे समय से बीमार थे और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) समेत कई अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।


पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन, राज्य भर में शोक की लहर


पश्चिम बंगाल में दौड़ी शोक की लहर, बुद्धदेव भट्टाचार्य का हुआ निधन


पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और CPI(M) के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का 80 साल की उम्र में आज निधन हो गया। उन्होंने सुबह 8:20 बजे अपने निवास पर अंतिम सांस ली। बुद्धदेव भट्टाचार्य पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे और उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। जुलाई में उन्हें सांस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन बाद में उनका इलाज घर पर ही किया जा रहा था।


बुद्धदेव भट्टाचार्य को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और अन्य कई बीमारियों से जूझना पड़ा था। पिछले कुछ वर्षों से उनकी स्वास्थ्य स्थिति लगातार खराब हो रही थी। वे साल 2021 में कोविड-19 से भी संक्रमित हुए थे, जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई थी।


राजनीतिक करियर और योगदान:


बुद्धदेव भट्टाचार्य का राजनीतिक करियर बहुत ही प्रभावशाली रहा है। वे साल 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में राज्य में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सुधार किए। उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल ने कई आर्थिक और सामाजिक प्रगति की। वे CPI(M) के पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के सदस्य भी थे, लेकिन 2015 में उन्होंने इन पदों से इस्तीफा दे दिया था। 2018 में उन्होंने राज्य सचिवालय की सदस्यता भी छोड़ दी थी।


ममता बनर्जी ने दी श्रद्धांजलि:


बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर राज्य की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "आकस्मिक निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। मैं पिछले कई दशकों से उन्हें जानती हूं। पिछले कुछ वर्षों में जब वह बीमार थे और प्रभावी रूप से घर पर ही थे, तब मैंने उनसे कई बार मुलाकात की थी। दुख की इस घड़ी में मीरादी और सुचेतन के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं CPI(M) पार्टी के सदस्यों और उनके सभी अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हमने निर्णय ले लिया है कि उनकी अंतिम यात्रा और संस्कार के दौरान उन्हें पूरा सम्मान देंगे।"


पारिवारिक जीवन और व्यक्तिगत योगदान:


बुद्धदेव भट्टाचार्य का पारिवारिक जीवन भी बहुत ही साधारण और प्रेरणादायक रहा। वे अपनी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना के साथ रहते थे। वे एक लेखक और कवि भी थे, और उनके कई लेख और कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी साहित्यिक रचनाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।


संवेदनाएं और अंतिम संस्कार:


बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन की खबर सुनकर पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थक और पार्टी के सदस्य उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके निवास पर पहुंच रहे हैं। उनकी अंतिम यात्रा और संस्कार के दौरान उन्हें पूरा सम्मान दिया जाएगा। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि उनकी अंतिम यात्रा में राजकीय सम्मान के साथ ही उनकी अंतिम विदाई दी जाएगी।

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