सारांश : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों ने टेरिटोरियल आर्मी के दो जवानों का अपहरण कर एक की हत्या कर दी। एक जवान किसी तरह बच निकलने में सफल रहा, जबकि दूसरे का शव जंगल में गोलियों से छलनी मिला। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे सुरक्षाबलों की चुनौती और बढ़ गई है।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक बार फिर से आतंकवादियों की क्रूरता सामने आई है। 8 अक्टूबर 2024 को अनंतनाग के कोकेरनाग क्षेत्र में आतंकियों ने टेरिटोरियल आर्मी के दो जवानों का अपहरण कर लिया। इनमें से एक जवान किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग निकलने में सफल रहा, लेकिन दूसरे जवान का गोलियों से छलनी शव जंगल में मिला। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बलों ने इलाके में घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, ताकि आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
जवान का शव जंगल में मिला
इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। आतंकियों द्वारा अगवा किए गए एक जवान का शव जंगल में गोलियों से छलनी हालत में मिला। टेरिटोरियल आर्मी के इन जवानों का अपहरण उस समय हुआ, जब वे गश्त कर रहे थे। इस हमले ने सुरक्षा बलों की चुनौती और भी बढ़ा दी है, जो हाल के दिनों में कश्मीर में आतंकवाद पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। अनंतनाग में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के एक दिन बाद इस प्रकार की घटना ने सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
पिछले घटनाक्रम और आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब टेरिटोरियल आर्मी के जवानों को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया है। अगस्त 2020 में भी दक्षिण कश्मीर के शोपियां में टेरिटोरियल आर्मी के जवान शाकिर मंजूर वागे का अपहरण हुआ था, जिसके कुछ दिनों बाद उनके कपड़े घर के पास पाए गए थे। ऐसे घटनाएं राज्य में मौजूद आतंकवादी तत्वों के बढ़ते खतरे का संकेत देती हैं।
कुपवाड़ा में हाल ही में हुई मुठभेड़
सिर्फ अनंतनाग ही नहीं, बल्कि कश्मीर के अन्य इलाकों में भी सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। 4 अक्टूबर 2024 को कुपवाड़ा जिले के गुगलधार इलाके में भारतीय सेना और पुलिस ने एक जॉइंट ऑपरेशन के दौरान घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सीमावर्ती इलाकों में भी आतंकी गतिविधियां तेज हो रही हैं, जिसका जवाब सुरक्षाबल भी मुस्तैदी से दे रहे हैं।
आतंकियों के सहयोगियों की गिरफ्तारियां
सुरक्षा बलों ने हाल ही में कई आतंकियों के सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है। अगस्त 2024 में अनंतनाग के बिजबेहरा क्षेत्र में तीन आतंकियों के सहयोगियों को पकड़ा गया था। इस ऑपरेशन के दौरान उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए थे। इनमें एक पिस्तौल, एक मैगजीन, 29 गोलियां और दो हैंड ग्रेनेड शामिल थे। यह गिरफ्तारियां इस ओर इशारा करती हैं कि आतंकवादी नेटवर्क लगातार अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
सुरक्षा बलों की चौकसी और आगामी रणनीति
इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने कोकेरनाग समेत पूरे अनंतनाग जिले में अपनी चौकसी और बढ़ा दी है। पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि आतंकियों के ठिकानों को खोजकर उन्हें पकड़ा जा सके। सेना ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की सलाह दी है।
क्षेत्र में आतंकवाद का बढ़ता प्रभाव और राजनीतिक अस्थिरता
जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों का बढ़ना वहां की राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चुनौतियों को दिखाता है। विधानसभा चुनाव के परिणाम के ठीक बाद हुए इस हमले ने इस क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों के संभावित बढ़ने की ओर इशारा किया है। राज्य में आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं एक गंभीर चुनौती हैं, जिससे निपटने के लिए सरकार और सुरक्षा बलों को सशक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
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