सारांश: बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है। NDA में शामिल जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी HAM के साथ हो रही कथित उपेक्षा पर नाराजगी जताई है। इस बीच, RJD ने उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। जेडीयू ने मांझी की उपेक्षा के आरोपों को खारिज करते हुए एनडीए में दिए गए सम्मान का हवाला दिया है। बिहार की सियासत में संभावित गठबंधन बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं।
बिहार की राजनीति में उथल-पुथल
बिहार में सियासी गतिविधियां एक बार फिर तेज हो गई हैं। NDA में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के साथ हो रही कथित उपेक्षा पर सवाल उठाए हैं। मांझी ने अपने ताजा बयान में एनडीए पर उनकी पार्टी को कमजोर समझने का आरोप लगाया है। इसके बाद से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की अटकलें तेज हो गई हैं।
राजद का मांझी को न्योता
राजद ने मौके का फायदा उठाते हुए जीतन राम मांझी को महागठबंधन में शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "जीतन राम मांझी एक अनुभवी नेता हैं और उन्हें भाजपा की राजनीति का चाल-चरित्र समझना चाहिए। भाजपा अपने सहयोगियों को तोड़ती और ठगती है। मांझी को तेजस्वी यादव के साथ वंचितों और दलितों की लड़ाई में शामिल होना चाहिए।"
मांझी की नाराजगी और उनकी प्रतिक्रिया
मांझी ने अपने बयानों में इशारा किया है कि उनकी पार्टी को एनडीए में वह महत्व नहीं मिल रहा, जिसकी वह हकदार है। उन्होंने अपनी ताकत दिखाने की बात भी कही है। यह बयान एनडीए के भीतर उनके असंतोष को साफ करता है। इससे पहले लालू यादव ने नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन का दरवाजा खोला था, लेकिन वह प्रयास सफल नहीं हो सका।
जेडीयू का जवाब
इस पूरे मामले पर जेडीयू ने मांझी के आरोपों को खारिज कर दिया है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि "हम पार्टी की अनदेखी को लेकर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा जीतन राम मांझी को सम्मान दिया है। उन्हें एनडीए में उचित स्थान मिला है।"
पशुपति पारस से मुलाकात और राजनीतिक समीकरण
हाल ही में लालू यादव और पशुपति पारस के बीच हुई मुलाकात ने भी बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह मुलाकात एनडीए के भीतर की दरारों को उजागर करती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजद इन दरारों का फायदा उठाने और महागठबंधन को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
एनडीए के लिए बड़ा झटका?
यदि जीतन राम मांझी महागठबंधन में शामिल होने का फैसला करते हैं, तो यह एनडीए के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। मांझी दलितों के बीच एक मजबूत नेता माने जाते हैं और उनकी पार्टी वंचित तबकों में प्रभावशाली है। राजद ने इस बात को समझते हुए मांझी को तेजस्वी यादव के साथ जुड़ने का न्योता दिया है।
बिहार चुनाव की तैयारी और सियासी समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं। एनडीए के भीतर दरारें और महागठबंधन की नई रणनीतियां बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
मांझी का अगला कदम?
जीतन राम मांझी के अगले कदम पर सबकी निगाहें हैं। वे एनडीए में बने रहेंगे या महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल, बिहार की सियासत में जारी यह हलचल राज्य की राजनीति को एक नई दिशा देने के संकेत दे रही है।
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