सारांश: अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी, आचार्य महंत सत्येंद्र दास का बुधवार सुबह 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें रविवार को दौरा पड़ने के बाद संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती कराया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन
अयोध्या के प्रसिद्ध राम मंदिर के मुख्य पुजारी, आचार्य महंत सत्येंद्र दास का बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे और बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें रविवार को अचानक दौरा पड़ने के बाद अयोध्या के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) रेफर किया गया। SGPGI में न्यूरोलॉजी आईसीयू में उनका इलाज चला, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येंद्र दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद है। यह सामाजिक और आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त शिष्यों और अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!”
32 वर्षों तक रामलला की सेवा
आचार्य सत्येंद्र दास बीते 32 वर्षों से रामजन्मभूमि मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे थे। उन्होंने अस्थायी टेंट से लेकर रामलला को भव्य मंदिर में स्थापित करने तक अपनी भूमिका निभाई। उनकी अगुवाई में ही रामलला की पूजा-अर्चना संपन्न होती रही। उनके निधन से मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं के बीच गहरा शोक व्याप्त है।
धार्मिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर से अयोध्या सहित पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। देशभर से संत, महंत और रामभक्त उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और कई अन्य हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है।
पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन
महंत सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा, जहां उनके आश्रम सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। श्रद्धालु और अनुयायी उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। उनकी अंत्येष्टि अयोध्या में पूरे धार्मिक विधि-विधान के साथ संपन्न होगी।
आचार्य सत्येंद्र दास का योगदान
राम मंदिर आंदोलन और मंदिर निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने सदैव शांति और भक्ति के मार्ग को अपनाने का संदेश दिया। उनकी सादगी, निष्ठा और समर्पण ने उन्हें लाखों भक्तों के हृदय में एक विशेष स्थान दिलाया। राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में उनका मार्गदर्शन और योगदान अविस्मरणीय रहेगा।
राम मंदिर निर्माण के साक्षी रहे
आचार्य सत्येंद्र दास उन गिने-चुने संतों में से एक थे, जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के संघर्ष को करीब से देखा और उसमें योगदान दिया। बाबरी विध्वंस के समय भी वह रामलला की सेवा में लगे रहे और मंदिर निर्माण को लेकर हमेशा मुखर रहे।
धार्मिक समुदाय की प्रतिक्रिया
हिंदू धर्मगुरुओं ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन को एक युग का अंत बताया। अयोध्या के अन्य संतों ने कहा कि वह सच्चे रामभक्त और साधु थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम की सेवा में समर्पित कर दिया।
आखिरी संस्कार की तैयारी
महंत सत्येंद्र दास के अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को अयोध्या में संपन्न होगा, जहां उनके अनुयायी और संत समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। उनके निधन से अयोध्या के संत समाज में गहरा शोक है।
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