अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 114 भारतीयों का मुद्दा संसद में गरमाया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि इन भारतीयों के हाथों और पैरों में हथकड़ियां डालकर उन्हें भेजा गया। प्रियंका गांधी और शशि थरूर ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मोदी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।


Priyanka Gandhi ने उठाए सवाल : Modi-Trump के रिश्तों के बावजूद US से डिपोर्ट किए गए Indian के साथ क्यों हुआ अपमान?


अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 114 भारतीय नागरिकों का मामला भारतीय संसद में चर्चा का विषय बना। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरा। आरोप लगाया गया कि इन भारतीयों को हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर वापस भेजा गया, जो भारत और भारतीयों की गरिमा का अपमान है। संसद में विपक्षी नेताओं ने इस घटना पर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से जवाब की मांग की।


अमेरिका से डिपोर्टेशन:

यह घटना बुधवार को हुई, जब अमेरिकी सेना का विमान 114 भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंचा। इन भारतीयों को अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने के कारण डिपोर्ट किया गया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन डिपोर्ट किए गए लोगों के हाथों और पैरों में हथकड़ियां डाल दी गई थी, और यह कार्रवाई भारतीय नागरिकों के साथ अपमानजनक थी। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर संसद में हंगामा किया और सरकार से सवाल पूछा कि इस तरह का व्यवहार क्यों किया गया।


संसद में हंगामा:

संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया और मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव, और कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने हथकड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह भारतीय नागरिकों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही है और इस घटना को भारत के सम्मान के खिलाफ माना।


प्रियंका गांधी का बयान:

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, "कई बार यह कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे रिश्ते हैं। लेकिन अगर ऐसा है तो फिर पीएम मोदी ने क्यों इस घटना को होने दिया? क्या भारत सरकार को इन नागरिकों को वापस लाने के लिए अपना विमान नहीं भेजना चाहिए था? क्या इंसानियत के साथ ऐसा बर्ताव किया जाना चाहिए था?" प्रियंका गांधी ने इस मामले पर मोदी सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब देने की मांग की।


शशि थरूर का विरोध:

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हम इस तरीके से किए गए अपमान का विरोध करते हैं। अमेरिका को यह अधिकार है कि वह इन नागरिकों को निर्वासित कर सके, लेकिन इस तरह के बर्ताव से भारतीय नागरिकों की गरिमा का उल्लंघन हुआ है। सैन्य विमान में हथकड़ी बांधकर भेजने का तरीका न केवल भारतीयों के सम्मान का अपमान है, बल्कि यह भारत के लिए भी अपमानजनक है।" शशि थरूर ने इस मुद्दे पर सरकार के रवैये की आलोचना की और इसे भारतीय जनता का अपमान बताया।


विपक्ष का आरोप:

विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सरकार इस मुद्दे को हल करने में नाकाम रही है। कांग्रेस के अनुसार, यदि मोदी सरकार और ट्रंप के बीच अच्छे रिश्ते हैं, तो भारतीय नागरिकों को इस तरह के अपमानजनक तरीके से वापस भेजे जाने का कोई कारण नहीं था। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया कि यदि भारत सरकार चाहती तो वह इन नागरिकों को सम्मानपूर्वक वापस ला सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।


सरकार का रुख:

वहीं, मोदी सरकार ने इस मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सरकार का कहना है कि अमेरिका के पास यह कानूनी अधिकार था कि वह इन नागरिकों को निर्वासित कर सके। भारत सरकार के अधिकारी इसे द्विपक्षीय मामला मानते हुए इस पर कोई खुलासा करने से बच रहे हैं। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्ट बयान देना चाहिए।


भारत और अमेरिका के रिश्ते:

यह घटना भारत और अमेरिका के रिश्तों पर सवाल उठाती है। दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और विदेश नीति में सहयोग बढ़ा है, और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे रिश्तों का दावा किया गया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यदि रिश्ते इतने अच्छे हैं तो भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह का बर्ताव क्यों किया गया?


निष्कर्ष:

इस मुद्दे ने भारतीय संसद में खासी हलचल मचाई और सरकार से जवाब मांगा गया। प्रियंका गांधी और शशि थरूर के बयान इस बात का इशारा करते हैं कि विपक्षी दल सरकार से जवाब चाहते हैं और इसे भारतीय नागरिकों की गरिमा का उल्लंघन मानते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है और अमेरिकी अधिकारियों के साथ इस विवाद को कैसे सुलझाती है।

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