सारांश : दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को सदन में प्रवेश नहीं दिया गया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठने का निर्णय लिया। AAP ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया, जबकि भाजपा ने आबकारी नीति में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। कांग्रेस ने भी मामले की गहन जांच की मांग की।
दिल्ली विधानसभा में हंगामा: आप विधायकों को रोका गया, आतिशी धरने पर
गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में उस समय बड़ा राजनीतिक हंगामा देखने को मिला जब आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को सदन में प्रवेश करने से रोक दिया गया। बताया गया कि यह रोक विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर लगी है। इसके विरोध में आप विधायकों ने विधानसभा परिसर के बाहर धरना दिया, जिसका नेतृत्व पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने किया।
आतिशी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने लोकतंत्र की सभी हदें पार कर दी हैं। उनका आरोप है कि भाजपा सत्ता में आते ही तानाशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि चुने हुए प्रतिनिधियों को विधानसभा में जाने से कैसे रोका जा सकता है?
सीएजी रिपोर्ट और आबकारी नीति पर विवाद
दिल्ली विधानसभा में आज नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी, जिसमें आम आदमी पार्टी की सरकार पर आबकारी नीति में बड़े घोटाले के आरोप लगे हैं। भाजपा ने इस रिपोर्ट को लेकर आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा कि इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है और इस पर गहन चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि कैग रिपोर्ट के निष्कर्ष से स्पष्ट होता है कि दिल्ली सरकार के राजस्व को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की।
विधानसभा में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा
भाजपा विधायकों ने सदन में विभिन्न मुद्दे उठाए। विधायक सतीश उपाध्याय ने भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमाओं पर की जा रही राजनीति का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र मालवीय नगर में भगत सिंह की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन आप सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
विधायक मोहन सिंह ने मुस्तफाबाद में गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या को उठाया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इसी तरह आरके पुरम से विधायक अनिल शर्मा ने अपने क्षेत्र में सीवर जाम की समस्या पर सदन का ध्यान आकर्षित किया।
सीसीटीवी कैमरों की जांच की मांग
विश्वास नगर के विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने अपने क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे न लगाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 4000 कैमरों की स्वीकृति और भुगतान हो चुका है, लेकिन अब तक उन्हें लगाया नहीं गया। उन्होंने इस मामले की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग से कराने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसे गंभीर मामला बताया और लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि इस पर जल्द ही कार्रवाई होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सबसे पहले विश्वास नगर में ही कैमरे लगाए जाएंगे।
आप विधायकों पर कार्रवाई और भाजपा का पलटवार
आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। AAP के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट कर कहा गया कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को बाबा साहेब अंबेडकर के समर्थन में नारे लगाने के लिए निलंबित किया गया और अब उन्हें विधानसभा में प्रवेश से भी रोका जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है।
वहीं, भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे से भागना चाहती है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने शराब नीति के नाम पर घोटाला किया और अब इस पर चर्चा से बचने के लिए नाटक कर रही है।
कांग्रेस की जांच की मांग
कांग्रेस ने आबकारी नीति में घोटाले पर विस्तृत जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि इस नीति में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है और भाजपा व आम आदमी पार्टी दोनों इस मामले में जवाबदेह हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने दिल्ली सरकार को गैर-अधिसूचित क्षेत्रों में शराब के ठेके खोलने की अनुमति क्यों दी?
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों को प्रवेश न देने का मामला तूल पकड़ चुका है। एक तरफ आम आदमी पार्टी इसे लोकतंत्र की हत्या बता रही है, तो वहीं भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कह रही है। कांग्रेस ने भी इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाने की संभावना है।
एक टिप्पणी भेजें